
नविन कुमार सिहं
फागुन १०
बहुते मिलनसार एवं सहयोगी बिचारधारा के धनि चर्चित युवा चिकित्सक डा. प्रबिन कुमार सिहं नारायणी उप-क्षेत्रिय अस्पताल के बाल तथा नवजात शिशु रोग बिभाग मे सेवारत बानी।
एम. वी. वी. एस., एम. डी. ( वि.पी.के.स्वा.वि.प्र. धरान ) कन्सलटेन्ट पेडियाट्रिसियन डा. प्रबिन कुमार सिहं से भईल बतकही मे उहा कहनी ”वसन्त ॠतु के अागमन संघे गर्मी भी बढ़ रहल बा। पिछला कुछ दिन से नारायणी उप- क्षेत्रिय अस्पताल सहित आउर अस्पताल भा बिरामी चेकजाँच करेवाला क्लिनिक सब मे मरीज़ लोग के भीड़ बढ़ गईल बा ।
खास करके बच्चा सब मे भाइरल जर, शर्दीखोकी, न्युमोनिया, दमखोकी जैसन श्वासप्रश्वास सम्बन्धी समस्या सब बहुते बढ़ल हमनी के एहसास हो रहल बा। साथ साथ फुड पोइजनिङ्ग, पेटझरी, भाइरल, हेपाटाइटिस ( जन्डिस ), दिमागी जर ( मेनिन्जाइटिस ), पोषण सम्बन्धि समस्या आ छाला सम्बन्धि एलर्जी जैसन रोग सब बच्चा के परेसान कइले बा। एहीसे माईबाबु साथे बाकी अभीभावक लोग के भी ई सिजन मे जादा सतर्कता अपनावल जरुरी बा।
आपन बालबच्चा के भाइरल जर भा शर्दीखोकी लागल आउर बच्चा भा बढ़का लोग से दुरे रखला के साथे बाहर के दोकान/होटल के चीज ना खियाई, घर मे पानी खौलके पियाई आ स्कुल मे भी उहे पानी भेजी, बसिया चीज कबो ना खियाई, घर के सरसफाइ मे हमेसा ध्यान दिही आ साथेसाथ बच्चा बिमार भईला पर झट से दवाई खियावला से निमन पहिले बच्चा के डाक्टर से, आ उ ना होई त एम.वि.वि.एस. डाक्टर के तुरन्त परामर्श लेवेके चाही। एकरा संघे बालबच्चा के लालनपालन मे ९,५,२,१,० के फर्मुला अपनावे के चाही।”
का हवे त ९,५,२,१,० के फर्मुला….?
९- हरेक रात ९ घन्टा सुताई जेसे स्कुल के पढाइ मे, साथि संग के छलफल आ बच्चा के मनइस्थिति व्यवसथापन कईल आसान रही।
५- पाँच या ओसे बेसी फलफुल एवं तरकारी सेवन कराई, जेकरा से भिटामिन आ खनिज के प्रशस्त मात्रा मिल सके।
२- दु घंटा से कम समय खातिर स्क्रिन ( टिभी मोबाइल ) जेसे मोटापा, बाध आ एकहरा दिमाग से बच्चा बाच सके ।
१- एक घण्टा से जादे शारिरिक क्रियाकलाप ,खेलकुद।
०- मीठा पेयपदार्थहरु ना खाई काहे से की एमे बहुति क्यालोरी रहेला बाक़िर पोषण तत्व बहुते कम होला ।